जब 38 वर्ष के इमरान अली के पहली बार अचानक नाक से खून बहाने लगा तो उन्होंने उसको मामुली बात समझ कर नज़रअंदाज़ किया। लेकिन फिर कुछ दिनों बाद उन्हें सर में भारिपन महसूस होने लगा, उनके नाक से खून निकला और उनको ढुंढला सा दिखने लगा । ऐसे स्तिथि में वह दक्षिण दिल्ली के सीताराम भारतिया इंस्टीटूट ऑफ़ साइंस एंड रिसर्च के अपातकालीन में पहुँचे।
वहा इमरान डॉक्टर मयंक उप्पल, कंसल्टंट इंटर्नल मेडिसिन से मिले। डॉक्टर ने उनसे उनके खान – पान, रहन – सहन के इलावा उनके परिवार के अन्य सदस्यों की स्वास्थ्य जानकारी और पिछले अन्य बिमारी की भी जानकारी ली। फिर पूरे शारीरिक परिक्षण और कुछ खून की जाँच के बाद उन्होंने बताया की इमरान को हाइपरटेंशन (Hypertension in Hindi) और डायबिटीज है ।
हाइपरटेंशन को हिंदी में क्या कहते हैं ?
हाइपरटेंशन (Hypertension in Hindi) या हाई ब्लड प्रेशर को आम तौर पर ‘उच्च रक्तचाप’ कहा जाता है ।
सन् 2019 में Indian Heart Journal में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक भारत में लगभग 3 में से 1 वयस्क को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है।
परंतु हाइपरटेंशन होता क्या है और इसको नज़रअंदाज़ क्यों नहीं करना चाहिए ?
उच्च रक्तचाप का महत्व समझने के लिए हृदय की भूमिका को समझना ज़रूरी है।
हृदय से निकल कर रक्त धमनियों (arteries) में चलता हुआ शरीर के हर हिस्से में पहुंचता है।
रक्त का धमनियों के उपर दबाव को ‘ब्लड प्रेशर’ कहा जाता है ।
हर उमर के अनुरूप यह प्रेशर एक सीमित दर में रहना चाहिए किन्तु कुछ बिमारियों में यह बढ़ जाता है जिसे हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप (Hypertension in Hindi) कहा जाता है ।
हाइपरटेंशन का निदान कैसे किया जाता है ?
आपके डॉक्टर आपका ब्लड प्रेशर एक मशीन से नापेंगे जिसको sphygmomanometer कहा जाता है। ब्लड प्रेशर रीदिन्ग को दो हिस्सो में व्यक्त किया जाता है।
इसके उपरी भाग को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (इन हिंदी) (systolic) बोलते है और इसके निचले हिस्से को डायास्टोलिक (diastolic) बोलते है ।
नोर्मल ब्लड प्रेशर कितना होता है ?
आम तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लद प्रेशर 140/90 mm Hg से कम होना चाहिए ।
हाई ब्लड प्रेशर कितना होता है ?
हाई ब्लड प्रेशर 140/90 mm Hg से ज़्यादा होता है।
ब्लड प्रेशर बढ़ने के क्या लक्षण है ? (Hypertension symptoms in hindi)
कुछ लोगो में कभी कभी निम्नलिखित लक्षण हाई ब्लड प्रेशर का संकेत कर सकते है, जैसे कि :
- सर दर्द
- चलने या व्यायाम करने पर छाती में दर्द या सांस लेने में परेशानी
- गंभीर स्तिथि में नाक से खून निकलना और ढुंढला सा दिखना
डॉ मयंक समझातें है कि ज़रूरी नहीं है कि यह सभी लक्षण हर मरीज़ में दिखें । काफ़ी मरीज़ों में बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर के कोई भी लक्षण नहीं दिखते। इसलिए सभी को वर्ष में कम से कम एक बार अपना ब्लड प्रेशर डॉक्टर से ज़रूर जाँच करवाना चाहिए ।
यदि आपको हाइपरटेंशन के किसी भी लक्षण का आभास हो, तो या तो खुद अपना ब्लड प्रेशर की जाँच करें या अपनी नज़दीकी फिजिशियन से मिल कर अपना ब्लड प्रेशर की जाँच करवाए।
ऐसा करना ज़रूरी है क्योंकि लम्बे समय तक अनुपचारित हाइपरटेंशन हानिकारक हो सकता है।
हाइपरटेंशन के कारण क्या हो सकता है ? (What can happen because of hypertension in hindi)
लम्बे समय तक अनुपचारित हाइपरटेंशन की वजह से निम्नलिखित परेशानियाँ हो सकती है , जैसे कि
- दिल की बीमारी
- स्ट्रोक / लकवा
- दृष्टि पर असर
- किडनी पर असर
- यादाश और समझने की क्षमता पर प्रभाव
- युवा पुरुष में यौन रोग
“लेकिन हाइपरटेंशन से डरने की नहीं बल्कि इसका समय से उपचार करने की ज़रुरत है। समय से उपचार से इन सभी परेशानियों से बचा जा सकता है और मरीज़ एक सामान्य जीवन जी सकता है, “ समझाते है डॉ मयंक।
इमरान जैसे कई मरीज़ अक्सर जानना चाहते है कि उनमे हाइपरटेंशन होने का क्या कारण हो सकता है ?
Hypertension in Hindi किस कारण होता है ?
हाइपरटेंशन होने के निम्नलिखित कारण हो सकते है:
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- बढ़ती उमर – हाई ब्लड प्रेशर की संभावना आपकी उमर के साथ बढ़ती है। पुरुष में 64 वर्ष के पहले हाइपरटेंशन ज़्यादा देखा जाता है जबकि महिला में 65 वर्ष के बाद इसकी समस्या ज़्यादा होती है।
- पर्यावरणीय /जीवन शैली से जुड़े कारक – बदलती हुई ज़िंदगी और उससे जुड़े हुए रहन – सहन और खान – पान में शामिल हुए पश्चिमी ( western foods) और प्रोसेस्ड भोजन (processed and saturated foods) के कारण भी हो सकता है।
- परिवारिक रोग – हाइपरटेंशन की समस्या अगर परिवार के कई सदस्य को हो, तो आपको भी होने की ज़्यादा संभावना है ।
- मोटापा – कद के अनुरूप वज़न से ज़्यादा मोटापा भी उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ा सकता है।
- तंबाकू का सेवन करना – तंबाकू आपके ब्लड प्रेशर को न केवल कुछ समय के लिए बढ़ा सकता है पर यह आपके धमनियों को कमज़ोर भी कर सकता है।
- शराब का अधिक सेवन – इससे भी आपके शरीर और खासकर की ह्रदय पर बुरा असर पर सकता है।
- व्यायाम की कमी – लम्बे समय बिना व्यायाम किए बैठना भी उच्च रक्तचाप का जोखिम खासकर युवा व्यस्क में बढ़ा सकता है।
- गुर्दा की बिमारी – गुर्दा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता करती है। गुर्दा की बिमारी उससे कमज़ोर बना कर प्रेशर को बढ़ा सकता है।
- तनाव – इससे आपका ब्लड प्रेशर कुछ समय के लिए बढ़ सकता है। तनाव से जुड़े खान – पान या तंबाकू के सेवन से भी हाइपरटेंशन का खतरा होता है।
क्या खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है?
अगर आपके खाने में नमक (sodium) की मात्रा अधिक है तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। पश्चिमी और प्रोसेस्ड भोजन जैसे कि भुजिया, नमकीन और बिस्कुट आदि , में नमक की मात्रा अधिक होती है। यह आपके शरीर में द्रव पदार्थ (fluid) इक्कठा कर सकता है। इसी प्रकार शरीर में पोटाशियम (potassium) की कमी, जो कि सोडियम की मात्रा का संतुलन करता है , भी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है ।
कुछ दवाए जैसे की स्टेरॉयड (steroid) / जिम की खुराक (gym supplements) का दुर्योपयोग भी रक्तचाप बढ़ा सकता है।
अधिक नमक और रक्तचाप के इस संबंध से अब हम समझ सकते है कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को कम नमक लेने की सलाह क्यों दी जाती है।
World Health Organization के मुताबिक केवल 5 mg नमक की मात्रा का प्रतिदिन उपभोग करना चाहिए।
हाइपरटेंशन ट्रीटमेंट इन हिंदी
आपके डॉक्टर उच्च रक्तचाप के लिए आपको 3 चीज़ों का ध्यान रखने की सलाह दे सकते है :
- भोजन में अधिक नमक से परहेज करें
- व्यायाम और वज़न घटाने की कोशिश करें
- शराब/तंबाकू का सेवन बंद करें
हाइपरटेंशन की दवाई
आपके डॉक्टर आपको उच्च रक्तचाप की दवाएं आपके ब्लड प्रेशर के स्तर, आपकी उम्र और कई अन्य स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रकते हुए देंगे ।
हाइपरटेंशन (hypertension in hindi) की दवाओं को नियमित रूप से लेना बहुत आवश्यक है क्यूंकि दवा छोड़ने से या उसे अनियमित प्रकार लेने से कई गंभीर परिस्थितियों हो सकती है जैसे की दिल का दौरा या लकवा।
हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करे?
हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर से मिलना महत्वपूर्ण है।
हमें अक्सर हाइपरटेंशन (Hypertension in Hindi) में खान – पान से जुड़े काफी सवाल आते है जैसे कि बीपी हाई में क्या चीज खानी चाहिए या ब्लड प्रेशर कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?
खान-पान में नमक को सीमित मात्रा में रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
इसके साथ साथ अधिक तली हुई अथवा घी – तेल में पका हुआ भोजन और प्रोसेस्ड भोजन को सीमित मात्रा में लेना चाहिए। ताज़े फल, हरी सब्ज़ी और मौसम के अनुसार सब्ज़ियों और सलाद को रोज़ के भोजन में शामिल करना चाहिए।
सही खाने के साथ साथ यह भी ज़रूरी है कि आप व्यायाम पर भी ध्यान दें। व्यायाम से न केवल आपका रक्तचाप नियंत्रित होने लगेगा बल्कि आपके तनाव और वज़न पर भी प्रभाव पड़ेगा।
डॉक्टर मयंक की सलाह पर इमरान ने अपने खान – पान और दिनचर्य में बदलाव किए। नियमित व्यायाम , समय पर भोजन और समय पर सोना शुरू किया ।
निष्कर्ष
कुछ महीने बाद जब इमरान परामर्श के लिए लौटा तो वह तनाव – मुक्त और खुश नज़र आया और साथ -साथ उसका रक्तचाप भी नियंत्रित था।
अगर आप भी हाइपरटेंशन (Hypertension in Hindi) की समस्या से जूंझ रहें है , तो आज ही हमें +918800816657 पर संपर्क करें और डॉक्टर मयंक के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें।
Dr. Mayank Uppal, MBBS, GSVM Medical College, Kanpur (2006); DNB (Medicine) -VMMC & Safdarjung Hospital, New Delhi (2011)
यह लेख डॉक्टर मयंक उप्पल के सहयोग से अगस्त 2021 में लिखा गया है। डॉक्टर मयंक अपने धैर्य स्वाभाव और तीव्र नैदानिक कुशाग्रता के लिए जाने जाते है।