ज़्यादातर महिलाए आज कल गर्भवती होने का प्रमाण प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi) द्वारा निकाल लेतीं हैं|
“यह ज़रूरी नहीं की शारीरिक बदलाव गर्भावस्था के लक्षण हो इसलिए अपने डॉक्टर से जल्द जाँच कराए” सीताराम भरतिया केडॉ पञ्चमप्रीत कौर ने कहा|
प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें?
माहवारी न होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द, उलटी महसूस होना आदि गर्भावस्था के कुछ लक्षण हैं|
गर्भवती होने पर आपके शरीर में हो रहे बदलाव (pregnancy symptoms) सही समय पर प्रेगनेंसी टेस्ट कराने के संकेत है|
प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy test in hindi) का सही इस्तेमाल
“प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल किट में दिए गए निर्देशों के अनुसार ही किया जाना चाहिए|”
प्रेगनेंसी टेस्ट के सही उपयोग के लिए कुछ चीज़ों को ध्यान में रखें –
- प्रेगनेंसी टेस्ट से human Chorionic Gonadotrophin (hCG) नामक हॉर्मोन का पता लगाता है| यह हॉर्मोन गर्भवती महिलाओं के खून और मूत्र में पाया जाता है| यह जाँच आप घर पर ही कर सकते हैं|
- माहवारी न होने के 2-3 दिन के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कराना सही होता है|
“यदि आप टेस्ट किट के उपयोग का इंतज़ार नहीं कर सकतें तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें|” - टेस्ट करने से पहले यदि आप बहुत ज़्यादा मात्रा में पानी पीतें हैं तो मूत्र पतली हो जाती है| इस वजह से भी कई बार false negative प्रेगनेंसी टेस्ट रिजल्ट्स निकलते है|
- अगर आपको माहवारी अनियमित तरीके से होता है तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट दोबारा करवाना पड़ सकता है|
“अनियमित माहवारी की वजह से गर्भधारण देरी में हो सकता है (delayed conception)|” 2-3 हफ़्तों बाद फिरसे टेस्ट करवाए|
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