लिवर हमारे शरीर के एहम अंगों में से एक है और उसको कोई भी हानि पहुँचने पर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है| इस अंग में होने वाली आम परेशानियों में से एक है फैटी लिवर का होना|
फैटी लिवर क्रोनिक लिवर के रोगों का प्रमुख कारण है| भारत में लगभग 9 से 32 % लोग इसका शिकार है|
प्रजेश महता (49) को बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था की उनको फैटी लिवर जैसी बीमारी हो सकती है| वह कई सालों से मोटापे के शिकार तो थे ही परन्तु एक दिन जब वह अपने पूरे शरीर की जांच कराने के लिए सीताराम भरतिया आए तब उन्हें पता चला की उनको फैटी लिवर का रोग भी है|
सभी टेस्ट्स के परिणाम आने पर पता चला की उनके रक्त में अधिक मात्रा में लिवर एन्ज़ाइम्स (liver enzymes) हैं जो डॉक्टर को अजीब लगा| उन्होंने प्रजेश को सीताराम भरतिया के Gastroenterology Consultant, डॉ. निवेदिता पांडे, को दिखाने की सलाह दी|
डॉ. निवेदिता ने उनके सारे टेस्ट्स के परिणामों को ध्यान से पढ़ा ख़ास कर के उनका लिवर फंक्शन टेस्ट| उस टेस्ट के असाधारण परिणाम देख कर डॉ. निवेदिता ने उन्हें उनकी जीवनशैली के बारे में कई सवाल पूछे जैसे की –
- क्या आप व्यायाम करते हैं?
- आपके खानपान में क्या – क्या शामिल है ?
- क्या आप शराब का सेवन करते है?
इन सवालों के पर विस्तार में बात-चीत करके डॉ. निवेदिता को फैटी लिवर की शंका हुई और उन्होंने प्रजेश को एक अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने को कहा|
अल्ट्रासाउंड से यह निश्चित हो गया की प्रजेश को फैटी लिवर था|
फैटी लिवर होने का क्या मतलब होता है?
जब आपका लिवर अपनी कोशिकाओं में अधिक मात्रा में फैट जमा करने लगता है, तब उसको फैटी लिवर कहा जाता है| इसको मेडिकल शब्दों में Non-Alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD) कहतें हैं क्योंकि इस बीमारी में लिवर में फैट शराब के कारण नहीं जमता|
डॉ. निवेदिता ने प्रजेश को समझाते हुए कहाँ – “एक स्वस्थ लिवर में कम से कम फैट मौजूद होना चाहिए| बहुत से लोगों के लिवर में कुछ मात्रा में फैट होता है जो उनको अक्सर कोई परेशानी नहीं देता परन्तु जब 5 से 10 % लिवर का वज़न फैट के कारण है तब उसको फैटी लिवर कहते है|”
“अपने लिवर में लम्बे समय से फैट जमाने से क्या होगा?” प्रजेश ने पुछा क्योंकि उसे शक था कि यह काफ़ी दिनों पहले से उत्पन्न होना शुरू हो गया था|
लिवर में लम्बे समय तक ज़रूरत से ज़्यादा फैट जमा होने पर उसको हानि पहुँचती है जिससे वह सूज जाता है| इस सूजन को कम करने के लिए लिवर अपने आप को ठीक करने का प्रयास करता है जिससे उसमे scarring हो जाती है| बहुत समय तक scarring होने पर आगे चलकर लिवर में सिरहोसिस हो जाता है|
“इस स्तिथि को Non-Alcoholic Steatohepatitis (NASH) कहते है|”
फिर प्रजेश ने पूछा – “क्या इस बीमारी के कोई लक्षण होते है?”
क्या है फैटी लिवर के लक्षण?
फैटी लिवर के शुरूआती समय में अक्सर लोगों को कोई लक्षण महसूस नहीं होते| जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है वैसे-वैसे मरीज़ों को इन लक्षणों का सामना कर पड़ सकता है –
- लिवर का माप में बढ़ा हो जाना
- थकान और कमज़ोरी होना
- भूख कम हो जाना
- पेट के ऊपरी – दाहिने हिस्से में दर्द होना
जब लिवर में अधिक से ज़्यादा फैट जम जाता है और वह सूज जाता है (NASH), तो अक्सर मरीज़ों को निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ता है –
- पेट में सूजन आ जाना
- त्वचा के एकदम नीचे मौजूद रक्त – वाहिनियों का बढ़ा हो जाना
- स्प्लीन अंग का बढ़ा हो जाना
- हथेलियों का लाल पड़ जाना
- त्वचा और आँखों का पीला पड़ जाना (jaundice)
“परन्तु लिवर में फैट क्यों जम जाता है ?” प्रजेश ने पूछा|
फैटी लिवर होने के क्या कारण हो सकते है ?
डॉ. निवेदिता ने कहाँ – “यह अभी तक समझा नहीं गया है कि आखिर केवल कुछ ही लोगों के लिवर में क्यों फैट जमने लगता है | परन्तु कुछ कारणों से लिवर में फैट जमने की संभावना बढ़ ज़रूर जाती है |”
यह कारण है –
- मोटापा (Obesity)
- इन्सुलिन से प्रतिरोधक होना (Insulin resistance)
- डायबिटीज (Diabetes)
- उच्च रक्त-चाप
- रक्त में ज़्यादा शुगर होना (High blood sugar)
- हेपेटाइटिस B या C
- अस्वस्थ खानपान और सुस्त जीवनशैली
“क्योंकि आप मोटापे से कई सालों से जूझ रहें हैं, आपके लिवर ने फैट जमाना शुरू कर दिया | फैटी लिवर की बीमारी मधुमेह और मोटापे से जूझ रहे लोगों में ज़्यादा पाई जाती है|”
फैटी लिवर और मोटापा
ज़रूरी नहीं है की हर इंसान जो मोटापे से जूझ रहा है, उसको फैटी लिवर की बीमारी हो| परन्तु एक स्वस्थ और सही BMI बनाए रखना इस बीमारी से बचने के लिए आवश्यक है|
“एक स्वस्थ BMI 18.5 और 25 kg/m2 के बीच माना जाता है| अगर BMI 25 और 30 kg/m2 के बीच हो तो उसको overweight कहा जाता है और अगर वह 30 kg/m2 से ज़्यादा हो जाए तो उसको obesity कहा जाता है|”
पेट के आस पास फैट इकठ्ठा होने से फैटी लिवर होने की संभावना बढ़ जाती है|
यह सब जान कर प्रजेश को एहसास हुआ कि इतने सालों से अपने वज़न का ख्याल न रख कर उन्होंने कितनी बड़ी गलती कर दी| परन्तु उन्होंने तय किया कि वह इस बीमारी को ठीक करने के लिए कुछ भी करेंगे|
कैसे करे फैटी लिवर का इलाज?
डॉ. निवेदिता ने कहाँ – “फैटी लिवर का कोई एक ठोस इलाज नहीं है परन्तु अपने जीवनशैली में कुछ विशेष बदलाव ला कर और एक स्वस्थ जीवन जी कर इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है|”
“क्योंकि आपका मोटापा आपकी इस बीमारी का कारण है, सबसे पहला कदम होगा अपना वज़न घटाना और एक स्वस्थ BMI बनाए रखना| इसके लिए आपको एक पौष्टिक आहार का पालन करना होगा और नियमित रूप से व्यायाम करना होगा|”
“वज़न घटाने से और रोज़ व्यायाम करने से लिवर में जमा हुआ फैट कम हो सकता है|”
यह सुनकर प्रजेश ने पुछा – “फैटी लिवर में मुझे क्या-क्या खाना चाहिए (fatty liver diet)?”
इस पर डॉ. निवेदिता ने कहाँ – “आपको केवल इतना ध्यान रखना है की आप एक ‘संतुलित आहार का सेवन करें | बेहतर होगा कि आप जंक और संसाधित खाद्य पदार्थों से दूर रहें |”
अन्य उपाय जिससे आप फैटी लिवर को बढ़ने से रोक सकते है –
- अपने रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाना
- फल, सब्ज़ियाँ, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स से भरा हुआ आहार का सेवन करना जिसमे फैट, शुगर और नमक की मात्रा कम हो
- धूम्रपान से परहेज़ करना
- शराब का सेवन न करना
- लिवर वायरस जैसे की हेपेटाइटिस B और C से बचने के लिए टीका लगवाना
प्रजेश ने डॉक्टर की बात ध्यान से सुनी और यह वादा किया कि वह पूरी तरह से अपने वज़न को घटाने की कोशिश करेंगे| रोज़ व्यायाम करेंगे और एक स्वस्थ, पौष्टिक डाइट का पालन करेंगे|