हालाँकि मीनोपॉज (menopause in hindi) एक कुदरती प्रक्रिया है, कोई रोग नहीं, लेकिन कई महिलाओं के शरीर में हो रहें बदलाव उनके रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में समस्याएं खड़ी कर सकते हैं|
उसी प्रकार से गुंजन कालरा, 48, अपने स्वास्थ्य में बदलाव महसूस कर रहीं थी| इसकी वजह से उनको नींद आने में तकलीफ़ें आने लगी|
“कभी-कभार रात को मुझे गरमाहट महसूस होती थी और पसीना आता था| लेकिन मैं ने कई दिनों तक इन लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया,” गुंजन ने कहा|
जब 2-3 महीनों से गुंजन के periods होने में देरी हुई तब उन्हें चिंता होने लगी| अपने पति के अनुरोध पर, गुंजन डॉ अनीता सभरवाल आनंद से परामर्श करने सीताराम भरतिया आईं|
डॉक्टर स्वाती के जांच के बाद, गुंजन को पता चला वह perimenopause (मीनोपॉज से पूर्व का समय) के लक्षण अनुभव कर रहीं हैं| परामर्श करते समय गुंजन ने डॉक्टर से अपने कुछ प्रश्न पूछें –
क्या होता है मीनोपॉज होने पर?
यदि आपको 12 महीने से periods न हुए हो तो हो सकता है आप मीनोपॉज के प्रॉब्लम से गुज़र रहें हैं| ज़्यादातर महिलाओं को स्वाभाविक रूप से menopause age 45-55 के आस-पास होता है|
“अधिकतर स्थितियों में, महिलाओं को ४७ या ४८ के आगे मीनोपॉज सिम्पटम्स शरीर में महसूस होने लगतें हैं| इस समय को perimenopause कहते हैं और गुंजन भी इससे जूझ रही थीं,” ऐसा कहना है डॉक्टर स्वाती का|
एक उम्र के बाद, ovaries में ovulation, यानि की अंडे का उत्पादन, बंद हो जाता है| इस कारण से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होती है और कई लक्षण (menopause symptoms) महसूस होते हैं जैसे की –
- अनियमित ढंग से periods का होना
- अचानक से तेज गर्मी लगना (hot flushes)
- नींद में समस्या आना
- वज़न का बढ़ना
- बालों का झड़ना
- योनि का सूखापन (vaginal dryness)
- मनो-दशा में बदलाव (mood swings)
- त्वचा में परिवर्तन जैसे रूखी त्वचा
हालाँकि मीनोपॉज का diagnosis माहवारी के 12 महीनें न होने पर ही किया जाता है, लेकिन आप ultrasound और ब्लड टेस्ट करवा कर भी मीनोपॉज प्रमाणित कर सकतें हैं|
कैसे करें मीनोपॉज के लक्षणों का निवारण?
इन लक्षणों से परेशान, गुंजन ने डॉक्टर से पुछा – “मेरी रोज़ की ज़िन्दगी पर मीनोपॉज के लक्षणों का असर कम करने के लिए क्या कोई समाधान है?”
“आम-तौर पर हम मीनोपॉज का इलाज नहीं करते| जीवन शैली में बदलाव लाने से कई महिलाएं राहत महसूस कर पाती हैं|”
यदि आपको यह लक्षण विशेष रूप से परेशान कर रहे हो तो आपके डॉक्टर कुछ महीनों के लिए Hormone Replacement Therapy (HRT) की सलाह दे सकते हैं| HRT के इस्तेमाल से आपके शरीर में हॉर्मोन के लेवल को संतुलन में लाया जाता है|
ध्यान में रखें की लम्बे समय तक हॉर्मोन लेने से हृदय रोग (heart disease) और ब्रैस्ट कैंसर (breast cancer) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं| अपने डॉक्टर से परामर्श के बिना हॉर्मोन की दवाएं न लें|
मीनोपॉज के बाद स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें?
मीनोपॉज के बाद आप को एस्ट्रोजन के कमी की वजह से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है|
“योनि का सूखापन (vaginal dryness), osteoporosis अथवा UTI (Urinary Tract Infection) जैसे समस्याओं की संभावनाएं मीनोपॉज के बाद बढ़ जाती है|”
गुंजन को डॉक्टर ने अपने स्वस्थ की देखभाल के लिए मीनोपॉज के घरेलू सुझाव दिए –
- संतुलित आहार
अपने रोज़ के खाने में संतुलन बनाए रखना मीनोपॉज के बाद बहुत अहमियत रखता है| ज़्यादा से ज़्यादा शाकाहारी और फाइबर-युक्त खाने का सेवन करें| Processed या packaged आहार जितना कम खाया जाए आपके सेहत के लिए उतना उपकारी है|
- Calcium Supplements
मीनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन के कमी की वजह से आपकी हड्डियाँ कमज़ोर पड़ जाती है| इस समय osteoporosis होने की संभावना बढ़ जाती है और शरीर में कैल्सियम (calcium) की ज़रुरत ज़्यादा होती है|
कुछ स्थितियों में शरीर को आहार से पर्याप्त रूप से कैल्शियम नहीं मिल पाता| इस समय आप डॉक्टर के सलाह से calcium supplements लेना शुरू कर सकते हैं|आपके डॉक्टर आपके सेहत, और शारीरिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए दवा देंगे|
- नियमित व्यायाम
मीनोपॉज के बाद व्यायाम न करने पर आपका वज़न बढ़ सकता है| यदि आप नियमित आधार पर दिन में कम-से-कम 30-40 मिनट टहलने जाएं या aerobics करें तो आपके हड्डियों, मांसपेशी और जोड़ों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ सकता है|
डॉक्टर के सलाह से संतुष्ट, गुंजन ने अपने रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में इन टिप्स का उपयोग करना शुरू कर दिया|
“धीरे-धीरे मुझे इनका प्रभाव अनुभव होने लगा| वास्तव में मुझे मीनोपॉज के इन लक्षणों से भी राहत मिलने लगी और में फिरसे बेहतर महसूस करने लगी,” गुंजन ने कहा|
हो सकता है आप भी मेनोपॉज के लक्षण से जूझ रहें हो! देरी न करें और आज ही अपने सवालों के जवाब हमारे डॉक्टर से प्राप्त करें| डॉ अनीता सभरवाल आनंदसे मुफ्त परामर्श के लिए हमें +91 9871001458 कॉल करें।
यह लेख डॉ अनीता सभरवाल आनंद के सहायता से लिखा गया है। डॉ. अनीता जानी-मानी स्त्री रोग विशेषयज्ञ है जो अपने आशावादी स्वाभाव के लिए जानी जाती है।
Medically reviewed by Dr. Swati Sinha
MBBS, Maulana Azad Medical College, New Delhi (1996); MD (Obstetrics & Gynaecology), Lady Hardinge Medical College, New Delhi (2001); MRCOG Part 1 (October 2010)