Endometriosis meaning in hindi

Endometriosis Meaning In Hindi – मेडिकल सहायता से पाएँ दर्द से राहत !

प्रायः माहवारी के साथ महिलाएँ कुछ दर्द महसूस करती हैं | परन्तु एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) जैसी बीमारी में माहवारी का दर्द अक्सर असहनीय हो जाता है |

एन्डोमीट्रीओसिस एक आम बीमारी है जिससे कई महिलाएँ जूझ रहीं हैं | Endometriosis Society of India के अनुसार, लगभग 25 million भारतीय नारियाँ एन्डोमीट्रीओसिस के साथ पाई गई हैं |

लेकिन इसके बावजूद आज भी कई महिलाएँ इस बीमारी से अनजान है |

पुश्तों से महिलाएँ इस विचार के साथ पली – बढ़ी हैं कि माहवारी के समय दर्द तो होता ही है जिसको उन्हें बरदाश्त करना होता है | इसकी वजह से वे अपना कष्ट ज़ाहिर नहीं कर पाती |

Endometriosis kya hai?

एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) एक क्रोनिक बीमारी है जो समय के साथ-साथ बढ़ती जाती है | यह माहवारी के दिनों होने वाली असहनीय पीड़ा का भी एक कारण है |

डॉ. प्रीति अरोरा धमीजा, सीताराम भरतिया की एक अनुभवी obstetrician-gynecologist कहती हैं – “इस बीमारी में एंडोमीट्रियल टिशू (endometrial tissue), जो आम तौर पर गर्भाशय की अंद्रूणी परत में पाई जाती है, शरीर के अन्य अंगों में उगने लगती है |”

सबसे पहला सवाल जो किसी के भी मन में आएगा वह है कि एंडोमीट्रियल टिशू के गर्भाशय के सिवाय दूसरे अंगों में होने से किसी को क्या हानि हो सकती है और कैसे?

इसके लिए हमे यह समझना होगा कि एंडोमीट्रियल टिशू औरत के शरीर में क्या भूमिका निभाती है|

“एंडोमीट्रियल टिशू गर्भाशय की अंद्रूणी परत बनाती है | इस टिशू का मुख्य कार्य है fertilised अंडे और बढ़ते गर्भ को पोषण देना | जब गर्भाधान नहीं होता तब यह परत टूट जाती है और माहवारी के रूप में योनी से बाहर निकल आती है,” डॉ. प्रीति समझाती हैं |

“परन्तु एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) में यह टिशू गर्भाशय से नाल के द्वारा विपरीत दिशा में जाकर श्रोणि के अन्य अंगों की परत पर बढ़ने लगते है | प्रति माह ये एंडोमीट्रियल टिशूस की तरह गाढ़े हो जाते है और झड़ जाते है | यह रक्त फिर श्रोणि के अंगों के आस-पास ही जमने लगता है |”

इस जमे हुए रक्त के कारण वे अंग आपस में चिपक जाते है | इससे उन अंगों को नुकसान पहुँचता है और अत्यंत पीड़ा पैदा करता है |

एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) के क्या लक्षण होते है ?

डॉ. प्रीति कहतीं हैं – “एन्डोमीट्रीओसिस का सबसे ठोस लक्षण तो है माहवारी के समय अत्यधिक दर्द होना | यह दर्द माहवारी होने के कुछ दिन पहले से शुरू होती है और इसके साथ-साथ माहवारी के पहले और बाद में स्पॉटिंग भी पाई जाती है |”  

इसके अलावा औरतों को इन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है –

  1. यौन-संबंध के दौरान दर्द होना
  2. मलोत्सर्ग (defecation) या पेशाब करते वक़्त कष्ट होना
  3. जमे हुए रक्त के कारण श्रोणि में गाठें या एंडोमीट्रियल सिस्ट्स बनना

इस बीमारी से जूझ रही कुछ महिलाओं को इनफर्टिलिटी जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है |

“ध्यान देने वाली बात यह है कि एन्डोमीट्रीओसिस एक ऐसी बीमारी है जो समय के साथ बढ़ती जाती है | इसीलिए माहवारी का दर्द भी हर मासिक धर्म के साथ बढ़ता जाता है,” डॉ. प्रीति का कहना है|

एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) का  इनफर्टिलिटी से क्या तालुक है ?

इनफर्टिलिटी का एक मुख्य कारण है एन्डोमीट्रीओसिस होना | NCBI के अनुसन्धान के मुताबिक 25% से लेकर 50% महिलाएँ, जिनको गर्भधारण करने में परेशानी आ रही है, उनमें यह बीमारी पाई गई है |

एन्डोमीट्रीओसिस दो तरह से औरत के माँ बनने की क्षमता पर असर डालता है –

  1. गर्भाशय नाल और अंडाशयों के आसपास रक्त जमा होने के कारण गर्भाशय नाल मुड़ जाते है और ओव्यूलेशन के पशचात अंडाशयों से अंडे नहीं प्राप्त कर पाते |
  2. अंडाशयों के आसपास रक्त जमा होने की वजह से उनके कार्य करने की क्षमता पर गहरा असर पड़ सकता है | जमे हुए रक्त के साथ-साथ विषैले तत्व (toxins) भी निकलते है जिनसे और हानि पहुँचती है |

डॉ. प्रीति कहतीं है “एन्डोमीट्रीओसिस में गर्भवती होने के लिए कितनी मेडिकल सहायता की आवश्यकता है, यह इस बात पर निर्भर करती है कि बीमारी कौनसे चरण पर है और उसकी तीव्रता कितनी है |”

कैसे करे एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) का इलाज ?

इस बीमारी का इलाज महिला के लक्षणों की गंभीरता और उसकी अवधि पर निर्भर करता है |

“सबसे पहले हम दवाइयों से इस बीमारी को मैनेज करते है | दवाइयों द्वारा हम असाधारण जगहों पर होने वाले एंडोमीट्रियल टिशूस को दबाने की कोशिश करते है  जिससे उनका प्रभाव कम होजाए|”

यह काम गर्भनिरोधक गोलियों और प्रोजेस्ट्रोन गोलियों से किया जाता | अक्सर इंजेक्शंस और योनि के रिंग (vaginal ring) का भी इस्तेमाल किया जाता है |

“परन्तु यह दवाइयाँ असाधारण जगहों पर पाए जाने वाले एंडोमीट्रियल टिशूस के साथ-साथ गर्भाशय के अंदर वाले टिशूस पर भी असर डालती है जिससे वे दब जाते है | इसके कारण अस्थायी रूप से माहवारी बंद भी हो सकती है |”

जब दवाइयाँ राहत दिलाने में नाकामयाब होती है तब सर्जरी के बारे में भी सोचा जा सकता है | यह सर्जरी लैपरोस्कोपी के माध्यम से की जाती है जिसमें अंडाशयों और बाकि अंगों के आसपास जमे हुए रक्त को हटा दिया जाता है, बिना प्रजनन प्रणाली को ठेस पहुंचाए | और तो और इस क्रिया से मुड़े हुए अंगों को भी उनके पुराने जगहों पर लाया जाता है | इससे दर्द से बहुत राहत मिलती है और माँ बनने की संभावना भी बढ़ जाती है |

Endometriosis ke gharelu upay – क्या एन्डोमीट्रीओसिस से जूझने के कुछ घरेलु उपाय है ?

एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) एक ऐसी बीमारी है जिसमें जितनी जल्दी उसकी जांच हो सके उतना उसके इलाज के लिए लाभदायक होता है |

“इस बीमारी में दर्द को कम करने के लिए बार-बार दर्दनाशक गोलियां खाना सही नहीं है | बेहतर यही है कि आप माहवारी में अधिक से ज़्यादा दर्द होने जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत ही जांच के लिए आए | ” ऐसा कहना है डॉ. प्रीति का |

परन्तु घर पर माहवारी के दर्द से आराम पाने के लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं – गर्म पानी से नहाने से और हॉट पैक का इस्तेमाल करने से माहवारी के दर्द में काफ़ी आराम मिल सकता है |

एन्डोमीट्रीओसिस (endometriosis meaning in hindi) होने के बावजूद माँ बनना – अनामिका की कहानी

अनामिका 26 साल की थी जब उनको पता चला की उन्हें एन्डोमीट्रीओसिस है | परेशानी की बात तो यह थी की उनकी शादी को एक साल हो गया था और वह माँ बनने की कोशिश कर रही थी | लगातार असफल होने पर उनकी हिम्मत टूटती जा रही थी परन्तु डॉ. प्रीति की सहायता और मार्गदर्शन से उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी |

सही इलाज की मदद से वह एक साल के अंदर गर्भवती हो गई |

“मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं है | मुझे हमेशा यह डर खाया जाता था कि क्या मैं इस बीमारी के चलते कभी माँ बन पाउंगी? परन्तु आज मैंने जाना कि एन्डोमीट्रीओसिस के होते हुए भी एक महिला अपने माँ बनने का सपना पूरा कर सकती है | ज़रूरी है कि आप समय पर जांच कराए,” अनामिका ने कहा |

क्या आपके मन में एन्डोमीट्रीओसिस से सम्बंधित सवाल हैं ? हमारे हॉस्पिटल आएं और अपने इलाज के लिए डॉ. प्रीति से मिलें। परामर्श के लिए निचे दिए गए बटन पर क्लिक कर के व्हाट्सप्प करें ।

यह लेख इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और obstetrician-gynecologist डॉक्टर प्रीति अरोरा धमीजा के सहयोग से लिखा गया है| डॉक्टर प्रीति अपने शांत स्वभाव और विशेषज्ञता की वजह से जानी जाती हैं|


Medically reviewed by Dr. Priti arora Dhamija
Dr. Priti Arora Dhamija, MBBS, Maulana Azad Medical College, Delhi (1999); M.D, Lady Hardinge Medical College (2004); DNB Obstetrics & Gynecology (2004); Diploma in Pelvic Endoscopy, Kiel, Germany (2014)

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