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Hot Flashes – Meaning In Hindi, कारण और आसान सुझाव

कुछ हफ़्तों से जया सेनगुप्ता, 49, अपने चेहरे, गले और सीने में तीव्र गर्माहट अनुभव करने लगी थीं| उनका चेहरा अचानक से लाल हो जाता था और चक्कर आने लगते थे|

“घरवालों से बात करने पर मुझे हॉट फ़्लैश (hot flashes meaning in hindi) के बारे में पता चला, जो मीनोपॉज का संकेत हो सकते हैं,” ऐसा कहा जया ने|

जया ने देरी नहीं की और सीताराम भरतिया के डॉ अनीता सभरवाल आनंद से परामर्श करने आईं और उनसे अपने कुछ सवालों के जवाब पूछें|

क्या मतलब होता है हॉट फ्लैशेस का (What do you mean by hot flashes)?

“हॉट फ़्लैश (hot flashes meaning in hindi) मीनोपॉज और perimenopause का एक सामान्य लक्षण है जिसमे महिलाएं को अत्यंत पसीना आने लगता है और उनकी दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है| आप बेहोशी जैसे लक्षण भी महसूस कर सकते हैं,” ऐसा कहना है डॉ. अनीता का|

यह हॉट फ़्लैश के एपिसोड दो से तीस मिनट तक चल सकते हैं| आपको हॉट फ्लैशेस या तो दिन में कई बार या हफ्ते में कुछ दिनों महसूस हो सकते हैं – इनके आवृत्ति में अंतर आ सकता है|
रात के समय तेज़ गर्माहट महसूस होने से आपके नींद में भी परेशानी आ सकती है| इसको नाईट स्वेट (night sweats meaning in hindi) कहा जाता है|

क्यों होते हैं हॉट फ्लैशेस (Why do we get hot flashes)?

हलाकि इनका सटीक कारण का पता नहीं लगा है, लेकिन हॉट फ्लैशेस आपके शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलावों की वजह से ट्रिगर हो सकते हैं|

“लेकिन यह किस रोग का लक्षण है (what are hot flashes a sign of)? क्या हॉट फ्लैशेस मीनोपॉज संबंधित संकेत है?” जया ने पूछा|

“हाँ, यह मीनोपॉज के दौरान महिलाओं को अनुभव होता है| हॉट फ्लैशेस (hot flashes meaning in hindi) अन्य मेडिकल कारणों के वजह भी हो सकता है, लेकिन अधिकतर स्थितियों में यह मीनोपॉज का संकेत है,” डॉ. अनीता ने कहा|

आम तौर पर, मीनोपॉज के दौरान आपको हॉट फ्लैशेस के यह संकेत (hot flashes symptoms) महसूस होते हैं:

  • अचानक चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्से में गर्मी होना
  • चेहरा लाल हो जाना
  • तेज़ धड़कन
  • पसीना आना

कैसे रोकें हॉट फ्लैशेस को (how can I stop hot flashes)?

यदि आपको मीनोपॉज के इस लक्षण से दिक्कत हो रही हो, तो आप इनके तीव्रता को कम करने के लिए अपने जीवन-शैली में कुछ बदलाव ला सकते हैं|

जया रोज़-रोज़ हो रहे एपिसोड से परेशान हो रही थी| उन्होंने डॉ अनीता से पूछा – “क्या यह गर्माहट महसूस होना चिंता का कारण बन सकता है?”

यह गर्माहट हर महिला को होती है पर सबको उसी तीव्रता से नहीं होती है| यदि आप थकान, कमज़ोरी या अस्वस्थ महसूस कर रहे हो तो हॉट फ्लैशेस (hot flashes meaning in hindi) के ट्रीटमेंट अपने डॉक्टर से शरीर की जांच कराएं|

क्या इसका प्राकृतिक इलाज हो सकता है (what helps hot flashes naturally)?

जया मीनोपॉज के लिए दवा लेने के लिए तैयार नहीं थी, तो उन्होंने डॉ. अनीता से हॉट फ्लैशेस के लिए घरेलू उपचारों की बात की|

एस्ट्रोजन हॉर्मोन के supplement लेने पर हॉट फ्लैशेस से जल्द आराम मिलता है, लेकिन इसका लेना आपके शरीर में अतिरिक्त असर (side-effects) ला सकता है| इस वजह से डॉक्टर आपको पहले जीवन-शैली में बदलाव लाने की सलाह देंगे|

यह ध्यान में रखते हुए डॉ. अनीता ने जया को इन टिप्स का इस्तेमाल करने को कहा –

  • अपने कमरे के तापमान को नियंत्रण में रखें क्योंकि हॉट फ्लैशेस गर्मी में उत्तेजित हो सकता है
  • मसालेदार भोजन और गरम आहार का सेवन कम करें
  • अचानक गर्मी लगने पर धीरे साँस को अंदर और बाहर करें
  • Relaxation exercises जैसे ध्यान (meditation) और योग के मदद से अपने शरीर का देखभाल करें
  • ऐसे प्रकार के कपडे पहनें जिन्हे आसानी से गर्मी लगने पर उतारा जा सके

“भले ही हॉट फ्लैशेस को रोका नहीं जा सकता लेकिन इन सुझावों से आपके शरीर में उनका असर कम किया जा सकता है|”

जया समझ गई की वह मीनोपॉज के आरंभ के दिनों में हैं जिसे perimenopause कहते हैं| डॉक्टर के सलाह को ध्यान में रखते हुए, जया को एहसास हुआ की चिंता की कोई बात नहीं है|

इन टिप्स के इस्तेमाल से, जया ने अपने शरीर में हो रहे परिवर्तनों को आसानी से अपना लिया|

क्या आपके मन में हॉट फ्लैशेस से सम्बंधित सवाल हैं ? हमारे हॉस्पिटल आएं और अपने इलाज के लिए डॉक्टर से मिलें। परामर्श के लिए हमें +91 9871001458 कॉल करें।

यह लेख डॉ अनीता सभरवाल आनंद के सहायता से लिखा गया है। डॉ. अनीता जानी-मानी स्त्री रोग विशेषयज्ञ है जो अपने आशावादी स्वाभाव के लिए जानी जाती है।

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Medically Reviewed by Dr. Anita Sabherwal Anand

MBBS, Lady Hardinge Medical College, University of Delhi (1992); MD (Obstetrics & Gynaecology), Lady Hardinge Medical College, University of Delhi (1997); DNB Secondary (Obstetrics & Gynaecology), National Board of Medical Education, New Delhi (1999)

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