IVF process (in hindi) या आईवीएफ एक फर्टिलिटी उपचार है जिसमें अंडों को शुक्राणु (sperm) से अप्राकृतिक (artificially) तरीके से मिलाया जाता है। यह प्रक्रिया मेडिकल लैब में नियंत्रित परिस्थितियों में की जाती है।
यह प्रक्रिया इंफर्टिल दम्पति, और उन लोगों के लिए सहायक है जिनको कोई जननिक (genetic) दिक़्क़त या परेशानी है।
सीताराम भरतिया हॉस्पिटल से डॉ प्रीति अ. धमीजा, इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और obstetrician-gynecologist, कहती हैं, “यह समझना आवश्यक है की IVF (आईवीएफ) प्रक्रिया उनके लिए है जो काफी समय से गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हो और उनके लिए बाकी फर्टिलिटी उपचार असफल हो गए हो।”
“याद रखें, स्वस्थ दम्पति को भी एक साल लगता है गर्भधारण करने में| इसलिए IVF पर तब ही विचार-विमर्श करें जब आपके डॉक्टर आपको इसकी सलाह दें।”
IVF process (in hindi): क्या आपको आईवीएफ प्रक्रिया की जरूरत है?
आईवीएफ (ivf process in hindi) से पहले यह समझना आवश्यक है की आपको इसकी ज़रुरत हैं या नहीं।
डॉ प्रीति कहती है, “कुछ ऐसी परिस्थितियाँ होती है जिसमें आईवीएफ की ज़रुरत पड़ सकती है या वह दम्पति के लिए एक मात्र उपाय बन जाती है|”
आईवीएफ की ज़रुरत कब पड़ सकती है?
IVF की ज़रुरत इन परिस्थितियाँ में पड़ सकती है:
- निरुद्ध गर्भाशय नाल (Damaged or blocked fallopian tubes):
निरुद्ध गर्भाशय नाल शुक्राणु (sperm) और अंडो के संपर्क में बाधा डाल सकते है| यह उर्वरण (fertilisation) की प्रक्रिया में मुश्किलें ला सकता हैं।
- शुक्राणु का निर्गुण होना:
शुक्राणु की गणना, गतिशीलता या दोनों में कोई कमी होना IVF के लिए एक कारण बन सकता है। शुक्राणु में कोई कमी के कारण, जितना अच्छा नतीजा IVF से आता हैं उतना अच्छा परिणाम बाकी फर्टिलिटी उपचारों से इतना नहीं आता।
- असफल नतीजें दूसरे फर्टिलिटी उपचारों से:
डॉ प्रीति समझाती है, “कई बार फर्टिलिटी उपचारों के असफल परिणाम के बाद, आपको IVF की सलाह दि जा सकती है। यह आपकी उम्र और असफल कोशिशों की संख्या पर निर्भर करता है।”
कुछ ऐसें सुनिश्चित परिस्थितियाँ जिसमें आईवीएफ की ज़रुरत हो सकती है:
- अनुपयुक्त हार्मोनल पर्यावरण
- अनियमित ओव्यलैशन (ovulation)
- अंडो की गुणवत्ता कम होना
- बढ़ती उम्र
- एन्डोमेट्रीओसिस (Endometriosis) की कुछ परिस्थितियाँ
डॉ प्रीति स्पष्ट करते हुइ कहती है, “काफ़ी लोग यह सोचते हैं की जिनको ओव्यलैशन (ovulation) में दिक्कत हो या कोई भी सुनिश्चित परिस्थिति हो, उनको IVF करना ही पड़ेगा – पर ऐसा ज़रूरी नहीं है। सिर्फ कुछ परिस्थितयों में ही इसकी ज़रुरत पड़ती है।”
यह अनिवार्य है की आप IVF करवाने के विचार से पहले एक विश्वसनीय डॉक्टर या IVF क्लिनिक से सलाह लें।
यह ज़रूरी है की आप अपने लिए IVF केंद्र/ सेन्टर चुनने से पहले कुछ चीज़ों का ध्यान रखें।
अपने लिए IVF केंद्र चुनने से पहले कोन सी चीज़ों का ध्यान रखें?
एक अच्छा IVF सेंटर चुनना बहुत महत्वपूर्ण क़दम है| इसीलिए यह अनिवार्य है की आप इन बातों पर गौर करें:
- टीम आपके सवालों का ध्यान से और धैर्यपूर्वक जवाब दे:
जैसे-जैसे IVF की प्रक्रिया आगे बढ़ती रहेगी, आपके मन में कई सवाल आएंगे जिनके बारे में आपको ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी चाहिए होगी। यह आवश्यक है की आप ऐसी टीम चुने जो आपके हर सवाल का जवाब धैर्य और ध्यानपूर्वक दे पाए।
डॉ प्रीति यह सलाह देतीं हैं, “जब आप IVF सेंटर चुनेंगे, स्पेशलिस्ट के साथ एक परामर्श के बाद ही अपना निर्णय ले क्योंकि आपके बीच का ताल-मेल भी एक मुख्य फैक्टर है।”
- ध्यानपूर्वक क्रिया समझा पाए:
ध्यान रखें की जहाँ पर भी आप IVF का सोच रहे हैं, वहाँ के डॉक्टर्स और बाकी स्टाफ आपको अच्छे से हर एक स्टेप समझा पाए। इसके अलावा, आपकी देख-भाल को लेकर उनका व्यवहार भी अनिवार्य है।
- गर्वधारण से डिलिवरी तक सम्पूर्ण देख-भाल:
IVF से गर्वधारण करने के बाद, आप चाहेंगे की आपकी देखभाल एक अनुभवी टीम करे। अगर उस टीम को आपकी सेहत और गर्भाधान के बारे में सब पता हों तो यह आपके लिए सहायक होता है| इसलिए यह लाभदायक है की आप ऐसा टीम चुनें जो आपको IVF से लेकर डिलीवरी तक का मार्गदर्शन दे पाए।
क्या होता है IVF में (ivf process step by step in hindi)?
यह समझना ज़रूरी है की आईवीएफ में क्या होगा और यह प्रकिया कैसे की जाती है:
- अण्डाशय (ovary) में अंडो की वृद्धि के लिए इंजेक्शन दिए जाते हैं:
औरतों के अण्डाशय में अंडो की वृद्धि के लिए इंजेक्शन (उत्तेजक औषधि) दिया जाता है जिससे एक से ज़्यादा अंडो की उत्पत्ति हो।
ज़्यादा अंडों से आईवीएफ के सफल होने के अवसर बढ़ते है और अगर इस प्रक्रिया को दुबारा करवाने का विचार हो तो उसका खर्चा कम हो सकता है।
डॉ प्रीति कहते है, “अंडो को बढ़ाने की प्रकिया आपकी उम्र, अण्डाशय के रिज़र्व, श्रोणि (pelvic) की कोई पूर्व पीड़ा या ऑपरेशन, पहले के आईवीएफ की कोशिशों और हार्मोनल परिस्थिति पर निर्भर करती है।”
युवा लड़कीयों के लिए 8-10 अच्छी गुणवत्ता के अंडों का लक्ष्य रखना उचित है|
- अंडो को प्राप्त करने की प्रक्रिया:
इंजेक्शन के 10 से 12 दिन के बाद, पूर्ण रूप से विकसित अंडो को अण्डाशय से निकालने की प्रक्रिया की जाती है।
ट्रांसवेजाइनल स्कैन (transvaginal ultrasound) या लैप्रोस्कोप के द्वारा, इन विकसित अंडो को प्राप्त किया जाता है। इस छोटी सी क्रिया में औरत को anaesthesia दिया जाता है और इन अंडो को एक खास कंटेनर में रखा जाता है।
- साथ ही साथ, शुक्राणु (sperm) या वीर्य (semen) का सैम्पल लिया जाएगा:
जब अंडो को प्राप्त करा जा रहा होगा, उस ही समय पर शुक्राणु (sperm) का सैम्पल भी लिया जाएगा। इस सैम्पल को मेडिकल लैब में भेजा जाएगा जहाँ पर IVF process (in hindi) के लिए सबसे अच्छे शुक्राणु को चुना जाएगा।
- अंडो और शुक्राणु को अप्राकृतिक तरीके से मिलाया जाता है :
ज़्यादातर, विकसित अंडो और चुने हुए शुक्राणु को लैब में, खास परिस्थितयों के अंदर, बहुत ही सावधानी से इन्क्यूबेट (incubate) करा जाता है। यह प्रक्रिया लगभग एक दिन की होती है और इसका परिणाम एक से दो दिन के बाद ही पता चलता है।
आपकी ज़रुरत और परिस्थितयों के हिसाब से इस स्टेप में तबदीलियां की जाती है। उदाहरण के लिए, कई बार अगर शुक्राणु में कोई कमी हो तो उनको विकसित अंडो में इन्जेक्ट करा जाता है और फिर आईवीएफ प्रक्रिया आगे बढ़ती है।
3 से 4 दिन बाद निषेचित (fertilized) अंडो को एक छोटे सी प्रक्रिया की सहायता से औरत के गर्भाशय में डाला जाता है।
आईवीएफ का परिणाम इस बात पर निर्भर करता है की अब यह अंडे गर्भाशय की परत से जुड़ पाते है या नहीं। अतिरिक्त निषेचित (fertilised) अंडो का क्या करना है, उसका निर्णय दम्पति की इच्छा अनुसार करा जाता है।
क्या संभावना है IVF process (in hindi) से गर्भधारण करने की?
IVF process (in hindi) से गर्भधारण करने की संभावना कुछ 30 से 45% होती है। सारे फर्टिलिटी उपचारों में, अक्सर आईवीएफ का परिणाम सबसे अच्छा होता है।
डॉ प्रीति कहती है, “IVF से गर्भधारण की संभावना बहुत चीज़ो पर निर्भर करती है और इसीलिए यह हर किसी के लिए अलग है।”
जो फैक्टर IVF की सफलता को असर करते हैं, वह इस प्रकार हैं:
- आपकी उम्र:
दम्पति जितने युवा होंगे, खास तौर पर पत्नी, उतनी संभावना बढ़ जाती है।
डॉ प्रीति कहती है, “जिन औरतों की उम्र 35 से कम होती है, उनके आईवीएफ से गर्भधारण करने की संभावना अधिक होती है।”
- पूर्व प्रेगनेंसी:
अगर आप उस ही पार्टनर के साथ पहले भी गर्भधारण करने का प्रयास कर चुके हैं तो IVF से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
- किस क़िस्म की फर्टिलिटी समस्या है:
आपकी फर्टिलिटी समस्या पर भी आईवीएफ का परिणाम निर्भर करता है। किस क़िस्म का रोग है, कितने समय से और क्या यह समस्या दोनों को है या सिर्फ एक को – यह चीज़े भी आईवीएफ के परिणाम पर प्रभाव डालती हैं।
- जीवन शैली:
डॉक्टर कहती हैं, “आपकी जीवन शैली और तनाव भी आईवीएफ के परिणाम पर असर डाल सकता है। अगर आप अपने जीवन शैली में अनुशासन ले आएं और अपने हार्मोनल पर्यावरण और श्रोणि को स्वस्थ रखें तो सफलता की संभावना बढ़ सकती है।”
क्या फ़र्क होता है IVF प्रेगनेंसी में?
आईवीएफ से गर्भधारण करने के बाद आपको प्रेगनेंसी के बारह हफ़्तों तक कुछ खास दवाएँ खानी पड़ेंगी, पर इसके इलावा IVF प्रेगनेंसी में कोई और फ़र्क नहीं होता।
किसी भी और गर्भवती महिला के जैसे, आपको भी वही टेस्ट, स्कैन और सावधानियाँ लेनीं होंगी|
IVF की सफलता गाथा
रेखा, 37 और सुरेश धवन, 38 के लिए आईवीएफ उनकी आखिरी उम्मीद बन गए थी। तीन बार IUI करवाने के बाद, उनको डॉ प्रीति ने IVF का सुझाव दिया।
“हमने तो उम्मीद छोड़ दी थी, फिर हमारे डॉक्टर ने IVF का सुझाव दिया,” रेखा याद करते हुए बताती हैं|
“हम दोनों को ज़्यादा आशा नहीं थी पर IVF हमारे लिए एक चमत्कार साबित हुआ।”
सुरेश कहता, “जब हमें पता चला की रेखा ने IVF से गर्भधारण कर लिया है, हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था।”
रेखा बताती हैं, “सीताराम भरतिया हॉस्पिटल में हमारा IVF तो हुआ ही पर उसके अलावा हमने अपनी प्रेगनेंसी और डिलीवरी के लिए भी यहाँ के डॉक्टर्स से परामर्श लिया। एक पूरी टीम थी हमारे साथ, हमारी प्रेगनेंसी से पहले भी और बाद में भी – जिससे हम दोनों को बहुत आत्मविश्वास और संतुष्टि मिली।”
“अब हमारा बेटा, आरव, एक साल का हो गया है और हम बहुत खुश हैं|”
क्या आपके मन में आईवीएफ से सम्बंधित सवाल हैं ? हमारे हॉस्पिटल आएं और अपने इलाज के लिए डॉक्टर प्रीति अ. धमीजा से मिलें। मुफ्त परामर्श के लिए निचे दिए गए बटन पर क्लिक कर के व्हाट्सप्प करें ।
यह लेख इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और obstetrician-gynecologist डॉक्टर प्रीति अ. धमीजा के सहयोग से लिखा गया है| डॉक्टर प्रीति अपने शांत स्वभाव और विशेषज्ञता की वजह से जानी जाती हैं|
Medically reviewed by Dr. Priti arora Dhamija
Dr. Priti Arora Dhamija, MBBS, Maulana Azad Medical College, Delhi (1999); M.D, Lady Hardinge Medical College (2004); DNB Obstetrics & Gynecology (2004); Diploma in Pelvic Endoscopy, Kiel, Germany (2014)