स्वाइन फ्लू (swine flu) मौसमी फ्लू वायरस के कारण होने वाली एक बीमारी हैं | सर्दी के मौसम में इस फ्लू के होने का खतरा दोगुना हो जाता है |
पिछले साल से लेकर अब तक सिर्फ दिल्ली में ही लगभग 400 लोग स्वाइन फ्लू के चपेट में आ चुके है | इनमें से एक घटना हैं दिल्ली में रहने वाली वर्तिका सिन्हा (26) की |
वर्तिका को जब बलगम वाली खांसी होने लगी तो उसने यह बिलकुल नहीं सोचा की उसको स्वाइन फ्लू हो सकता है | “मुझे लगा कि यह खांसी इस ठन्डे मौसम कि वजह से हो रही है | मुझे अंदांज़ा ही नहीं था की मेरी खांसी स्वाइन फ्लू का संकेत हो सकती है,” वर्तिका ने कहाँ |
जब वर्तिका को अचानक से एक दिन 102 बुखार आ गया तब उसके दोस्त ने उसको स्वाइन फ्लू के बारे में बताया और सीताराम भरतिया के Internal Medicine Consultant, डॉ. मयंक उप्पल, को दिखाने की सलाह दी |
कैसे करते हैं स्वाइन फ्लू (swine flu) की जाँच ?
“जैसे जैसे तापमान गिरता जाता है और प्रदूषण बढ़ता जाता है, ज़्यादा से ज़्यादा लोग स्वाइन फ्लू के लक्षण( swine flu ke lakshan) लेकर हमारे पास आते है” ऐसा कहना हैं डॉ. मयंक का |
अपने दोस्त की सलाह मान कर वर्तिका डॉ. मयंक के पास जांच कराने गई | डॉ. मयंक ने सबसे पेहले वर्तिका को उसके लक्ष्णों के बारे में पुछा जिसके बाद उन्होंने वर्तिका की शारीरिक जांच करी|
खांसी और बुखार को ठीक करने के लिए डॉ. ने उसको कुछ दवाईयाँ लिख के दी और अच्छे से आराम करने को कहाँ |
“अगर आपका बुखार यह दवाई खाने के बाद भी लौट आएं तो तुरंत दुबारा जांच के लिए आएं,” ऐसा कहना है डॉ. मयंक का |
दुर्भाग्यवश दवाई लेने के बावजूद वर्तिका का बुखार बार बार लौट रहा था और उसके बदन में भी दर्द शुरू हो गया था | ज़्यादा देर ना करके वह फिर से डॉ. मयंक के पास गई |
डॉ. मयंक ने बिना देरी के वर्तिका के गले के थूक का नमूना लिया (throat swab) और उसको जांच के लिए भेज दिया ताकि यह पता चल सके कि उसकी बीमारी का कारण कोई वायरस तो नहीं|
“इसको रैपिड इन्फ्लुएंजा डायग्नोस्टिक टेस्ट या स्वाइन फ्लू टेस्ट भी कहा जाता है |”
वर्तिका के शरीर में H1N1 वायरस पाया गया जो स्वाइन फ्लू होने का प्रमुख कारण है |
Swine flu in hindi – स्वाइन फ्लू किसके कारण होता है?
स्वाइन फ्लू एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है जो H1N1 वायरस के कारण होता है | यह वायरस ज़्यादातर सूअरों में पाया जाता है पर कभी कभार इंसानों में ट्रांसफर होकर बीमारियां फैलाता है |
डॉ. मयंक का कहना है – “स्वाइन फ्लू फ़ैलाने वाला इन्फ्लुएंजा वायरस इंसानों में पहली बार 2009 में पाया गया था | क्योंकि यह बहुत जल्दी फैलने वाली बीमारी है, उस साल बहुत लोग इसके चपेट में आ गए थे |”
H1N1 वायरस इंसान के नाक, गले और फेफड़ो में रहने वाली कोशिकाओं को दूषित करके शरीर में इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण पैदा करता है | यह वायरस बड़ी आसानी से आपके नाक या मुँह द्वारा शरीर में प्रवेश कर सकता है |
Swine flu symptoms in hindi – क्या है स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू से पीड़ित लोग अक्सर निम्नलिखित लक्षणों का सामना करते है –
- ज्वर (कभी कभार)
- ठण्ड लगना
- खांसी और ख़राब गला
- नाक का बहना
- शरीर या सिर में दर्द
- थकावट
- उबकाई और उल्टियाँ
स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण ज़्यादातर वायरस के शरीर में प्रवेश करने के 1 से 3 दिन के अंदर-अंदर प्रकट होते है |
“परन्तु स्वाइन फ्लू से पीड़ित सभी लोग इन सभी लक्षणों का सामना करेंगे ऐसा ज़रूरी नहीं ।”
टेस्ट के परिणाम जानने के बाद वर्तिका ने पुछा, “स्वाइन फ्लू के लिए मुझे क्या इलाज अपनाना चाहिए ?”
Swine flu treatment in hindi – कैसे करे स्वाइन फ्लू का इलाज ?
स्वाइन फ्लू ज़्यादातर कोई जानलेवा बीमारी नहीं होती | यह फ्लू उन लोगों के लिए ज़्यादा हानिकारक होता है जो हाई रिस्क श्रेणी में आतें हैं |
यह लोग है –
- गर्भवती महिलाएं ख़ास तौर पर जिनका नौवा महीना चल रहा है
- बुज़ुर्ग जिनकी उम्र 65 से ज़्यादा है
- पांच साल से छोटे शिशु
- वह लोग जिनको दीर्घकालिक बीमारियां (chronic medical condition) है जैसे कि अस्थमा, इम्फीसेमा, डायबिटीज और दिल का रोग
“आमतौर पर स्वाइन फ्लू से पीड़ित लोगों को केवल लक्षणों से राहत पाने की दवाइयाँ दी जाती है | यदि किसी को दीर्घकालिक रोग होता है तो उनको वायरस रोधी (antivirals) दी जाती है ताकि उनको जल्द ही लक्षणों से राहत मिल जाए और कोई गंभीर समस्या पैदा ना हो जाए,” डॉ. मयंक ने समझाते हुए कहाँ |
दवाईयों के अलावा आप नीचे दिए गए घरेलू नुस्खों को अपनाकर स्वाइन फ्लू से मुक्त हो सकते है :
- अधिकतर समय आराम करें और अपने इम्यून सिस्टम को इस बीमारी से लड़ने दे
- ज़्यादा से ज़्यादा पानी और दूसरे तरल पदार्थ जैसे की शरबत पिएं ताकि आपको डिहाइड्रेशन ना हो जाए
- ज़्यादा ज्वर और शरीर में दर्द होने पर पेरासिटामोल लें
- स्वाइन फ्लू के लक्षणों से राहत पाने के लिए आप अदरक वाली चाय और लहसुन का रस भी पी सकते है |
स्वाइन फ्लू (swine flu in hindi) से बचने के उपचार क्या हैं ?
एक हफ्ते बाद जब वर्तिका की तबियत संभल गई तो वह फिरसे डॉ. मयंक के पास जाँच कराने आई | वर्तिका ने पुछा, “डॉ., यह बीमारी का मौसम हर साल आता है | इस फ्लू से बचने के लिए हम क्या उपचार अपना सकते है ?”
“स्वाइन फ्लू होने का खतरा सबसे ज़्यादा सर्दी के मौसम में होता है इसीलिए इस मौसम आपको सबसे ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए |”
देखिए यह शिक्षात्मक वीडियो और जानिए स्वाइन फ्लू से बचने के कुछ उपचार –
यह लेख लिखने में डॉ मयंक उप्पल, जो Internal Medicine के क्षेत्र में expertise रखते हैं, ने अपना सहयोग दिया है |