3 month pregnancy (in hindi) के दौरान रीया मलिक, 27, ने अपने और अपने शिशु के स्वस्थ सेहत के लिए डॉक्टर से परामर्श किया|
“गर्भावस्था के लक्षण जैसे – थकान, उल्टी महसूस होना और भूख में कमी का होना – इन सभी से तीसरे महीने में आराम मिलना शुरू हो जाता हैं,” सीताराम भरतिया के डॉ पञ्चमप्रीत कौर ने कहा|
यह सुनके रीया खुश हुई और अपने 3 month pregnancy (in hindi) से संबंधित कुछ और अहम सवाल भी पूछें|
जाँच के समय रीया के मन में सबसे पहले अपने शिशु के विकास पर सवाल उठे|
3 month pregnancy (in hindi) में शिशु का विकास
तीसरे महीने के अंत तक शिशु के हाथ, पैर और उंगलिया पूर्ण रूप से बन जाते हैं| वह अपनी मुट्ठी और मुंह भी खोल-बंद करने लगता है|
“इस समय पर शिशु लगभग एक मटर की गठिया जितनी छोटी होती है| शिशु का माप लगभग 5-6 cms और वज़न 28 gm हो जाएगा|”
शिशु का पूरी तरह बढ़ जाने पर missed abortion या threatened abortion की संभावना कम हो जाती हैं|
3 month pregnancy (in hindi) में शारीरिक बदलाव
इसके अतिरिक्त रीया ने अपने शरीर में हो रहे परिवर्तन की जानकारी डॉक्टर से मांगी-
1. स्तन में सूजन
आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव की वजह से पहले तिमाही में आपका स्तन बढ़ने लगता है और नाज़ुक भी हो सकता है|
“इस वजह से सही ब्रा पहनने से आपके नाज़ुक स्तन को आराम मिलेगा| इसके लिए कोई भी दवाई लेने की ज़रुरत नहीं पढ़ती|”
2. लगातार पेशाब आना
3 month pregnancy (in hindi) के दौरान आपका शौचालय जाना बढ़ सकता है| कॉफ़ी, हरी और काली चाय, सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज़ करें क्योंकि इन में कैफीन ज़्यादा होता है| इनसे पेशाब करने की इच्छा बढ़ जाती है|
यदि पेशाब करते समय दर्द या जलन हो तो जल्द अपने डॉक्टर से जाँच कराए|
3. पीठ दर्द और थकान
“तीसरे महीने में पीठ दर्द और थकान से राहत पाने के लिए नियमित तौर पर व्यायाम करे|”
अगर आप काम पर हो तो समय-समय पर ब्रेक लें या टहलें| पौष्टिक आहार भी आपके शरीर से थकान दूर करने में मदद करता है|
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4. अक्सर मन बदलना
“इस समय भावनाओ में बदलाव आना स्वाभाविक बात है|” डॉक्टर ने रीया को इन दिनों अपने परिवार का प्यार और सहारे पर भरोसा करने को कहा|
जीवनशैली में बदलाव
रीया ने अपने 3 month pregnancy में सुधार लाने के लिए प्रेगनेंसी टिप्स माँगे| डॉ पञ्चमप्रीत कौर ने कहा, “गर्भावस्थ होना कोई रोग नहीं है इसलिए आप अपने रोज़-मर्रा के काम जारी रख सकते हैं|”
यह ज़रूरी है की खुद को इस समय पर और सुडौल और सहनशील बनाएं ताकि नॉर्मल डिलीवरी में कम से कम परेशानी हो| “ताकत बढ़ाने के लिए रोज़ नियमित तौर पर 30 मिनट व्यायाम या योग करें|”
Pregnancy care (in hindi) के लिए सबसे पहले अपने आहार में परिवर्तन लाए|
यदि आपके खाने की इच्छा लौट आए तो अपने dietician से परामर्श करें और नीचे दिए गए आहार चार्ट को अपने रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में शामिल करें –
अहम 3 month pregnancy (in hindi) स्कैन और टेस्ट
गर्भावस्था के पहले तिमाही में nuchal translucency स्कैन शिशु के Down’s syndrome जैसे आनुवंशिक (genetic) या chromosomal समस्याओं का जाँच करता है|
“इस स्कैन को 11 से 13 हफ़्तों और 6 दिनो के अंदर करा लेना चाहिए| Nuchal translucency स्कैन के साथ डॉक्टर एक ब्लड टेस्ट (double marker test) भी करेंगे|”
अपने सवालों का जवाब सुनकर सन्तुष्ट होकर रीया ने डॉक्टर के सलाह से अपना स्कैन जल्द करा लिया|
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