राजीव और रीना अपनी पहली संतान के जन्म के लिए बहुत ही उत्साहित थे| रीना का गर्भ (pregnancy) कुशलता पूर्वक विकास कर रहा था|
चिंता की बात तो तब हुई जब रीना को गर्भावस्था के पहले त्रिमास (first trimester) में योनि में रक्तस्राव (vaginal bleeding) का अनुभव हुआ|
बिना देरी किए रीना सीताराम भरतिया के डॉ पञ्चमप्रीत कौर से परामर्श करने आई और उन्होने गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) के बारे में उनसे पूछे कुछ ज़रूरी सवाल|
क्या होता है गर्भपात? (miscarriage meaning in hindi)
गर्भाश्य में किसी कारण भ्रूण (foetus) का अपने आप अंत हो जाना ही गर्भपात (meaning of miscarriage in hindi) कहलाता है| लगभग 15% से 18% गर्भावस्था गर्भपात में समाप्त होती है| कुछ परिस्थितयों में महिला अपने गर्भावस्था से ही अज्ञात होती है और पीरियड्स मिस होने के ततपश्चात ही उनका गर्भपात हो जाता है| गर्भपात के कुछ लक्षण है:
- योनि में रक्तस्राव (vaginal bleeding)
- पेट या पीठ के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन (cramps) होना
- योनि से तरल पदार्थ का निर्वहन (fluid discharge)
- योनि से ऊतक का निर्वहन (tissue discharge)
- गर्भावस्था (Pregnancy) के लक्षणों का अनुभव न होना, जैसे कि स्तन कोमलता (breast tenderness) महसूस करना
गर्भपात के लक्षण (symptoms) सुन ने के बाद रीना डॉ पञ्चमप्रीत से पूछती है यह सवाल|
क्या पहले त्रिमास में योनि में रक्तस्राव (vaginal bleeding) गर्भपात (miscarriage) का संकेतक है?
डॉ पञ्चमप्रीत ने उन्हें समझाते हुए कहा “गर्भावस्था के पहले त्रिमास में योनि में रक्तस्राव (vaginal bleeding) का अनुभव होना आम है मगर ये गर्भपात का एक संकेत भी हो सकता है| ऐसे में ज़रूरी है की आप अपने gynecologist से परामर्श लें| ऐसे संकेत को नज़रअंदाज़ करना आपके और आपके अजात शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है|”
गर्भपात के कारण क्या हैं? (miscarriage reasons in hindi)
- “पहली तिमाही में अधिकतर गर्भपात – भ्रूण की असामान्य विकास – के कारण होते है जिसकी वजह है भ्रूण के गुणसूत्रों (fetal chromosome) में समस्या| लगभग 50 प्रतिशत गर्भपात या गायब गुणसूत्रों से जुड़े होते हैं।”
- “गर्भपात का दूसरा कारण है माँ की स्वास्थ्य स्थिति| माता की स्वास्थ्य स्थिति और जीवन शैली जैसे: अनियंत्रित मधुमेह, संक्रमण, हार्मोनल समस्याएं, गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) की समस्याएं व सिगरेट, शराब (alcohol) का सेवन, मोटापा आदि भी गर्भपात का कारण बन सकते है|”
- विभिन्न कारक (factors) जैसे: आयु, पिछला गर्भपात, गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) की समस्याएं, धूम्रपान, शराब और अवैध ड्रग्स आदि के बारे में बात करते हुए डॉ पञ्चमप्रीत बताती है की “यह फैक्टर मिसकैरिज का खतरा बढ़ा सकते है|”
रीना सब ध्यानपूर्वक सुनकर अपना अगला प्रश्न पूछती है|
गर्भपात को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
“गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता| मगर आपके लिए ज़रूरी है की आप एक स्वास्थ्य जीवन शैली (lifestyle) अपनाये| समय पर पौष्टिक खाना, अच्छा रहन-सहन, अपने गर्भ की नियमित रूप से जांच, आदि चीज़ो पर ध्यान दें| ऐसे में आप और आपका अजात शिशु न ही सिर्फ गर्भपात से बचेंगे बल्कि एकदम स्वस्थ्य भी रहेंगे|”
“गर्भपात हमारे हाथ में नहीं है| एक स्वास्थ्य जीवन शैली अपनाने के बाद भी गर्भपात की आशंका रहती है| लेकिन बहुत परिस्थितिओं में महिला अपने आप को दोषी मान ने लगती है| मगर ऐसा बिलकुल नहीं है| 50% अवस्थाओं में भ्रूण के गुणसूत्रों (fetal chromosome) में समस्या ही भ्रूण के विकास में विपदा खड़ी करती है, जिस से आगे जाकर गर्भपात का खतरा बढ़ता है| गर्भपात के उपरान्त ज़रूरी है की माँ को समझाया जाए की यह एक प्रक्रिया है और इसमें उनकी कोई गलती नहीं| ” ऐसा कहना है डॉ पञ्चमप्रीत का|
इन सब बातों को सुनकर रीना निश्चिन्त हुई और अपने गर्भ की जांच कराई जिसका परिणाम पॉजिटिव आया और पता चला की रीना का गर्भ पूरी तरह सामान्य (normal) है| यह सुनकर रीना और राजीव निश्चिन्त हुए और चैन की सांस ली|
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