“क्या सिज़ेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी संभव है? ” अंकिता सिंह ने हैरानी से पुछा।
“हमारे हॉस्पिटल मे हर 5 मे से 4 महिलाएँ जिनका पहले सिज़ेरियन ऑपरेशन हो चुका है – नॉर्मल डिलीवरी बिना किसी गंभीर समस्या के पूर्ण कर पाती हैं।” सीताराम भरतिया हॉस्पिटल की डॉ रिंकू सेनगुप्ता ने कहा ।
आपको सिज़ेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी का प्रयास (VBAC) क्यों करना चाहिए – जानिए इसके बारे में।
1. VBAC माँ और शिशु के लिए बेहतर हो सकता है
जब बच्चा योनि मे नीचे सरकता है तो वह माँ के शरीर से स्वास्थ वर्धक – कीटाणु को लेता है। ये जीवाणु , भविष्य में हो सकने वाला मोटापा (obesity), मधुमेह (diabetes) और एलर्जी से बचाव देते है।
नॉर्मल डिलीवरी वाली महिलाओं को प्रसव के बाद, सिज़ेरियन के मुकाबले कम पीड़ा का अनुभव होता है। इससे वह अपना और अपने बच्चो का ध्यान बेहतर रख पाती है और डिलीवरी के बाद स्तनपान शीघृ कर पाती है।
2. ज़्यादातर महिलाएँ सिज़ेरियन उपरान्त नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रयास कर सकती हैं
“VBAC के लिए कौन प्रयास कर सकता है ?” अंकिता जानना चाहती थी ।
“अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टट्रिशन्स एंड गयनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार 4 में से 3 महिलाएँ सिज़ेरियन के बाद प्रसव के लिए प्रयास कर सकती हैं। “ डॉ रिंकू ने कहा ।
“इन महिलओं मे कोई मेडिकल विकार, दो से ज़्यादा सिज़ेरियन ऑपरेशन और पिछले सिज़ेरियन का कोइ आवर्तक कारण नहीं होना चाहिए।”
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3.सिज़ेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी का प्रयास – एक सुरक्षित विकल्प है।
“क्या सिज़ेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी सुरक्षित है ?” अंकिता ने व्याकुल होते हुए पुछा ।
अकसर सिज़ेरियन के टांको (stitches) के खुलने/ फटने और उससे शिशु और माँ को होने वाली गंभीर जटिलताओं (complications) का भय होता है।
“टांको के खुलना का खतरा सिर्फ 1 % महिलाओँ मे होता है लेकिन यह शीघ्रतापूर्ण सिज़ेरियन ऑपरेशन द्वारा सुरक्षित रूप से संभाला जा सकता है। इसलिए यह ज़रूरी है की इन महिलाओं का नॉर्मल डिलीवरी का प्रयास 24 – घंटे ऑपरेशन थिएटर (operation theatre) की क्षमता वाले हॉस्पिटल मे किया जाए। ” डॉ रिंकू ने समझाया ।
क्या आखिर अंकिता ने नॉर्मल डिलीवरी का प्रयास किया ? जानने के लिए video देखें।