स्वाइन फ्लू एक ऐसा रोग है जो सूअर से पनपने virus की वजह से होता है| स्वाइन फ्लू के लक्षण (swine flu symptoms in hindi) आम ज़ुकाम के लक्षणों की तरह आपके बच्चे में प्रस्तुत हो सकते हैं और उनका निदान उचित समय से नहीं हो पाता|
ठीक इस ही वजह से, मोहिनी जयंती की बेटी के बिगड़ते तबियत का कारण नहीं पता लगा| मोहिनी ने एक दोस्त के सलाह से सीताराम भरतिया के डॉ. नेहा जोशी से परामर्श करने का निर्णय लिया|
कुछ टेस्ट और शारीरिक जांच-पड़ताल के बाद, उनकी बेटी के रिजल्ट से स्वाइन फ्लू का diagnosis किया गया| मोहिनी को एहसास हुआ की वह अपने शिशु के सेहत से संबंधित प्रश्न डॉ. नेहा से पूछ सकती हैं|
क्या हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण (what are the symptoms of swine flu fever)?
स्वाइन फ्लू से संबंधित संकेत आपके बच्चे में influenza की तरह भी दिख सकते हैं| अपने शिशु के सेहत का ध्यान रखें – यदि आपका बच्चा यह लक्षण महसूस कर रहा हो, तो जल्द एक pediatrician से परामर्श कराए:
- तेज़ बुखार जो 3 दिनों से ज़्यादा रहे या दवाओं से ठीक न हो
- सर्दी या खाँसी
- गले में खराश
- गीली, लाल आँखें (red eye)
- शरीर में दर्द
- थकान और उलटी जैसा महसूस होना
“कई परिस्थितिओं में शिशु को इन्फेक्शन होने के बावजूद, उन्हें स्वाइन फ्लू के लक्षण 1-3 दिनों के बाद महसूस होता है,” ऐसा कहना है डॉ. नेहा का|
कैसे होता है स्वाइन फ्लू का diagnosis?
स्वाइन फ्लू के उचित निदान के लिए डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच और कुछ लैब टेस्ट करेंगे| आपके शिशु के बलगम की जांच होगी, जिसके इस्तेमाल से PCR (Polymerase Chain Reaction) टेस्ट किया जाएगा| डॉक्टर इस टेस्ट से सटीक virus का पता लगा सकते हैं|
Swine Flu Causes – स्वाइन फ्लू बीमारी कैसे होती है?
यदि शिशु किसी रोगी के संपर्क में आता है, या किसी दूषित चीज़ को छू लेता है, तो यह virus छोटे रोगाणु के रूप में आपके या आपके शिशु के शरीर में पहुँचता है| यह इन्फेक्शन आँख, मुँह, या नाक से शरीर में जा सकती है|
क्या शिशु को स्वाइन फ्लू होना चिंता का कारण है (how dangerous is swine flu for my child)?
हालांकि स्वाइन फ्लू दुसरे इन्फेक्शन से ज़्यादा हानिकारक नहीं होता, लेकिन 2 साल या उस से कम उम्र के बच्चो में स्वाइन फ्लू-संबंधित complications आ सकते हैं| इस वजह से बच्चो का उचित समय पर इलाज कराना चाहिए|
यदि आपका शिशु स्वाइन फ्लू के संकेत (swine flu symptoms in hindi) महसूस करने लगे तो डरने की बात नहीं है – उससे डॉक्टर के पास ले जाए और उपचार की जानकारी प्राप्त करें|
लेकिन अगर स्वाइन फ्लू के लक्षण (swine flu symptoms in hindi) आपको लक्षणों के साथ यह चेतावनीपूर्ण संकेत दिखे, तो तुरंत शिशु को अपने नज़दीकी हस्पताल में लेकर जाएँ:
- सांस लेने में कष्ट
- रंग नीला पढ़ जाना
- बार बार उलटी
- बुखार और खाँसी जैसे लक्षणों का बिगड़ना
- बुखार के साथ खसरे जैसे छोटे दाने
स्वाइन फ्लू का इलाज (swine flu treatment in hindi)
जब मोहिनी को पता चला स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है तब, डॉ. नेहा के कहने पर, उन्होंने अपने बेटी को स्कूल भेजना बंध कर दिया| उनकी बेटी को घर पर विश्राम करने की और दवा लेने की सलाह दी गई|
“मैं घर पर अपने बेटी का कैसे खयाल रखू (what are the home remedies for swine flu)?” चेक-अप के बाद मोहिनी ने पुछा|
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए (precautions for swine flu) डॉ. नेहा ने उनको इन चीज़ों का ध्यान रखने को कहा:
- बुखार की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है| इस वजह से अपने बच्चे को पानी, फल का जूस, आदि समय-समय पर पिलाते रहें|
- इस दौरान बच्चो को विश्राम की ज़रुरत होती है| उनको खेल-कूद, TV या फ़ोन से दूर रखे और बेड-रेस्ट कराएं|
- बच्चे को ऐसे प्रकार के कपड़े पहनाएं जिन्हे आसानी से गर्मी लगने पर उतारा या ठंड लगने पर पहनाया जा सके|
- ध्यान में रखें की घर पर स्वच्छ रहना आवश्यक है| आप रोगाणु (germs) के संपर्क हवा के माध्यम से आ सकते हैं| अपने शिशु का घर वालो या दुसरे बच्चो से संपर्क कम कर दें ताकि घर पर इन्फेक्शन ने फैलें|
- हलाकि आपके बच्चे की खाने की इच्छा कम हो सकती है, लेकिन उनको इस दौरान पौष्टिक आहार की ज़रुरत है| स्वाइन फ्लू के समय उनके भोजन (swine flu diet in hindi) का ध्यान रखें और उन्हें गर्म सूप, Vitamin C-युक्त फल, और हरी-भरी सब्ज़ियाँ खिलाएं|
आश्वस्त महसूस करते हुए मोहिनी ने डॉ. नेहा के सुझाव अपनाना शुरू किया और कुछ ही दिनों में उनके बेटी के सेहत में सुधार आने लगा|
क्या आपके मन में स्वाइन फ्लू के ऊपर कुछ सवाल हैं ? हमारे हॉस्पिटल आएं और अपने इलाज के लिए डॉ. नेहा जोशी से मिलें । परामर्श के लिए हमें कॉल करें +91 8826391002 पर।