जब कुनाल वर्मा (38) ने देखा कि उसके पेशाब करने की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ गई थी तो वह बहुत परेशान हो गया | उसकी चिंता और भी बढ़ गई जब उसको पेशाब करने में कष्ट होने लगा |
“जब बार-बार पेशाब करने से मेरे रोज़मर्रा के कामों को हानि पहुँचने लगी तब मुझसे और रुका ना गया | मैंने एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने का फैसला किया | मेरे पीठ के दाहिने हिस्से पर भी हल्का-हल्का-दर्द होने लगा था” कुनाल ने कहा |
सीताराम भरतिया के डॉ. कार्तिकेय कोहली से मिलने पर कुनाल ने अपनी स्तिथि विस्तार में समझाई |
डॉ. कार्तिकेय को किडनी स्टोन (pathri) का आभास हुआ जब उन्होने कुनाल के बार-बार पेशाब करने की आदत के बारे में जाना |
Pathri ke lakshan – किडनी स्टोन (kidney stone in hindi) से पीड़ित लोग निम्नलिखित लक्षणों से भी गुज़रते हैं –
- पीठ में या पेट के पास असहनीय दर्द
- दर्द जो बार-बार बढ़ता – घटता और आता – जाता हैं
- पेशाब में खून
- उल्टी या उल्टी करने की चाह
- पेशाब करने पर जलन का एहसास
किडनी स्टोन (kidney stone in hindi) की पहचान कैसे करें?
डॉक्टर की सलाह के अनुसार कुनाल ने अपने खून और पेशाब की जांच करवाई |
जांच के अनुसार उसके खून में अधिक मात्रा में यूरिक एसिड (पेशाब में एक किस्म का waste पदार्थ) पाया गया जिससे किडनी स्टोन का संदेह और पक्का हो गया |
चौबिस घंटे के urine analysis से भी कुनाल के पेशाब में कई stone – forming minerals पाए गए |
सभी टेस्टो की जांच के बाद डॉ. खन्ना ने उसको CT Scan करने की सलाह दी |
“CT Scan से पता चला कि कुनाल के मूत्रवाहिनी (urinary tract) में कई छोटे-छोटे पत्थर हैं,” डॉ. कार्तिकेय ने कहा |
यह जानकारी पाकर कुनाल हैरान हो गया और इस हालत का कारण सोचने लगा |
किडनी स्टोन के कारण क्या हो सकते हैं?
“किडनी स्टोन के बनने का प्रमुख कारण हैं पानी कम पीना” डॉ. कार्तिकेय ने कहा |
“पेशाब में कई crystal बनाने वाले minerals होते हैं जैसे की यूरिक एसिड, कैल्शियम और ऑक्सालेट | जब पेशाब में पानी कम मात्रा में होती हैं तब वह गाढ़ा होजाता है जिससे वह minerals एकत्रित होके स्टोन्स बनाने लगते हैं |”
आपको किडनी स्टोन्स होने का खतरा हो सकता है अगर:
- आपके परिवार में किडनी स्टोन होने का इतिहास हो
- आप मोटापा का शिकार है
- आपका रक्त चाप (blood pressure) ऊँचा है
- आपके खानपान में प्रोटीन और सोडियम ज़्यादा और कैल्शियम कम है
- आपके दिनचर्या में व्यायाम की काफ़ी कमी है
यह बिमारी अच्छे से समझने पर कुनाल ने पूछा, “इसका सही इलाज क्या होना चाहिए?”
Pathri ki dawa – किडनी स्टोन का इलाज कैसे करें?
किडनी स्टोन का इलाज उसके आकार पर निर्भर होता है |
कुनाल के अंदर के पत्थर काफ़ी छोटे थे (5 – 6 mm) जिसके कारण उसको बस दिन में 2 से 3 लीटर पानी पीने को कहा गया ताकि वह स्टोन्स पेशाब के साथ शरीर से निकल जाए |
खून में यूरिक एसिड की मात्रा कम करने के लिए डॉक्टर ने उसको कुछ दवाइयाँ दी और अपने खानपान में थोड़ा बदलाव करने को भी कहा|
दो हफ्ते में कुनाल पेशाब के साथ अपने स्टोन्स को निकालने में कामयाब हुआ |
चिकित्सा की ज़रूरत तब होती है जब स्टोन का आकार बढ़ा होता है और वह खुद से पेशाब के साथ बहार नहीं निकलता | किडनी स्टोन के इलाज का एक उपाय है ESWL क्रिया (Extracorporeal Shock Wave Lithotripsy). इस क्रिया में ध्वनि तरंग का इस्तेमाल करके ज़ोर की कंपन पैदा की जाती है | इससे किडनी स्टोन्स को छोटे-छोटे टुकड़े में तोड़ा जाता है | यह छोटे टुकड़े फिर पेशाब के साथ बहार निकल जाते है |
“ESWL 2 cm तक के स्टोन्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है” ऐसा कहना है डॉ. कार्तिकेय का |
जो स्टोन्स 2 cm से बरे होते है उन्हें तोड़ने के लिए PCNL (Percutaneous Nephrolithotomy) क्रिया का इस्तेमाल किया जाता है |
इस क्रिया में मरीज़ के पीठ पर एक छोटा सा कट किया जाता है | उस कट से एक छोटा सा दूरबीन डाला जाता है जिससे डॉक्टर को स्टोन की लोकेशन का पता चलता है | उसके बाद डॉक्टर उस स्टोन को तोड़ कर टुकड़े बनाकर बाहार निकाल देते है |
कुनाल को इलाज के बारे में समझाने के बाद डॉ. खन्ना ने उसको किडनी स्टोन के नुकसान के बारे में भी बताया |
“एक बात का ध्यान रखें | किडनी स्टोन का इलाज करना अति आवश्यक होता है क्योंकि अगर वह ज़्यादा देर शरीर में रहे तो बरा होकर मूत्रवाहिनी (ureter) में फिसल के उसको बंद कर सकता है | यह एक आपातकालीन समस्या होती है |”
किडनी स्टोन ऑपरेशन का क्या दाम होता है?
डॉक्टर की यह बात सुनकर कुनाल किडनी स्टोन के ऑपरेशन के दाम के बारे में पता करने लगा ताकि अगर भविष्य में उसको ज़रूरत पढ़े तो वह तैयार हो | बहुत रिसर्च करने पर उसको पता चला कि दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलस में किडनी स्टोन ऑपरेशन (ESWL या URSL) के लिए लगभग Rs. 30,000 to Rs. 70,000 लग जाते है |
परंतु जब कुनाल ने सीताराम भारतिए के दाम पता किए तब उसको पता चला कि यहाँ किडनी स्टोन के इलाज के रेट्स काफ़ी कम है | SBISR में इसका इलाज केवल Rs.25,000 से लेकर 30,000 में हो सकता है | PCNL (Percutaneous Nephrolithotomy) का दाम कमरे की केटेगरी पर निर्भर होता है |
ठीक होजाने के पष्चात कुनाल ने डॉ. कार्तिकेय से पूछा – “स्टोन्स के वापस बनने की क्या संभावना है ?”
“यदि खानपान में बदलाव न लाया गया तो 80 प्रतिशत किस्सों में किडनी स्टोन वापस उत्पन्न हो जाता है” डॉ. कार्तिकेय ने कहा |
यह जानकर कुनाल किडनी स्टोन आहार के बारे में पूछताछ करने लगा |
किडनी स्टोन में क्या खाना चाहिए (kidney stone diet in hindi)?
किडनी स्टोन्स से बचने का सबसे आसान तरीका है ज़्यादा पानी पीना | इससे आपका पेशाब साफ़ रहता है | गाढ़ा पीला रंग का पेशाब पानी न पीने का संकेत है |
परंतु इसके अलावा कुछ ऐसी खाने की चीज़े है जिससे आपको दूर रहना चाहिए |
“आपको उन खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जो स्टोन्स के बनने में सहायता करते है जैसे की पालक, चुकंदर, भिंडी, सोयाबीन और डार्क चॉकलेट |”
“वही खाने की चीज़े खाएं जिसमे कम मात्रा में सोडियम और माध्यमिक मात्रा में कैल्शियम हो जैसे की दूध, दही, चीज़ और हरी भरी सब्ज़ियाँ” डॉ. कार्तिकेय का कहना है |
“मास और मच्छी कम खाएं क्योकि इनसे पेशाब में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है |”
कुनाल ने डॉक्टर की बात ध्यान से सुनी और खुदसे वादा किया की वह सभी सलाहों का पालन करेगा |
“मैं शुक्रगुज़ार हूँ की मैंने अपने लक्षणो को अनदेखा नहीं किया और जल्दी इलाज करवाया,” कुनाल ने कहा|
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